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Tuesday, July 13, 2010


जिनके पराक्रम का गुणगान तीनो लोकों में होता है , धरती और आकाश में दुष्टों का विनाश करने वाले , अथाह सागर जिनके सामने पराजय स्वीकारता है , तीनो कालों में निरंतर विद्यमान और तीनो लोकों में परम पूजनीय , रूद्र के अवतार वीर हनुमान को मै प्रणाम करता हूँ .

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