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Monday, July 26, 2010


हनुमान जी को सदा अजर और अमर रहने का वरदान प्राप्त है भगवन श्री राम और माता सीता से । अजर अर्थात जिसमे कभी जरावस्था यानि की वृद्धावस्था न ए और अमर अर्थात जो कभी न मरे । लव कुश के जन्म के पश्चात् माता सीता धरती माता में समाहित होने जा रहीं थी और भगवन राम भी सरयू नदी में जलसमाधि ले कर बैकुंठ धाम जाने को तैयार थे । जब हनुमान जी को ये बात पता चली तो वो अत्यंत ही दुखी मन से दौड़ कर भगवान् के पास गए और बोले की भगवन आप कहीं मत जाइये वर्ना मै यहाँ क्या करूंगा । माता सीता से बोले की माता मै भी आपके साथ ही जाऊँगा वरना आप कहीं मत जाइये । माता सीता बोली कि हनुमान जन्म लेने वाले को संसार से जाना ही पड़ता है , परन्तु तुम तो सदा ही अजर और अमर हो । तुमको तो स्वयं प्रभु ने ये वरदान दिया है । हनुमान बोले कि तो मै आज्ये वरदान और साडी पदवी को त्याग दूंगा । ये सुन माता सीता श्री राम से बोली कि प्रभु ये हनुमान तो अपना अमरत्व त्याग रहा है। राम जी बोले कि अरे पागल ये अमरत्व पाने को देवता भी तरसते हैं बड़े बड़े योगी इसके लिए वर्षों तपस्या करते हैं पर नहीं पासकते और तुम इसको त्याग रहे हो । हनुमान जी बोले कि भगवन आपसे दूर रह कर मै भला कैसे जीवित रह सकता हूँ । राम जी बोले के हनुमान अभी तो त्रेतायुग है इसके बाद द्वापर युग में पाप और बढ़ जाये गा और कलयुग में तो पाप कि कोई सीमा ही नहीं होगी । तब संसार में तुम ही सबकि रक्षा करना , प्रभु भक्तों को संरक्षण देना । हनुमान जी बोले कि हे प्रभु अगर आपकी ऐसी आगया है तो मै सदा धरती पे ही रहूँगा परन्तु मै आपसे कुछ मांगना चाहता हूँ आप देंगे ? राम जी बोले कि अवश्य दूंगा तो हनुमानजी बोले कि मुझको ये आशीर्वाद दें कि मै जिस समय में जिस कल में जिस स्थान पे भी आपकी पूजा या कथा हो रही हो वहां जाकर विराज सकू । माता सीता बोली दे दीजिये वरदान प्रभु तो राम जी बोले कि साईट तुम नहीं जानती कि ये क्या मांग रहा है । ये अनगिनत शरीर और काल चक्र से मुक्ति मांग रहा है ये भूत भविष्य वर्त्तमान सब कल में एक साथ उपस्थित रहना चाहता है , माता सीता बोली कि तो क्या हुआ मेरा सबसे प्रिय है हनुमान और आपका परम भक्त है इसको ये वरदान अवश्य दीजिये । तब श्री राम जी ने उनको ये वरदान दिया और हनुमान जी जहाँ कहीं भी श्री राम जी कि कथा होती है वहां आकर विराजमान होते हैं ।

1 comment:

  1. सही बात है हनुमान जी तो अजर अमर है। कलियुग मं भवसागर से पार उतारने वाले है।

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