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Sunday, August 1, 2010

हर एक खोने हर एक पाने में तेरी याद आती है , नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है
तेरी अमृत भरी लहरों को क्या मालूम गंगा माँ , समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है

हर एक खाली पड़े आलिन्द तेरी याद आती है ,सुबह के ख्वाब के मानिंद तेरी याद आती है
hello he hi ,सुन के तो नहीं आती मगर हमसे , कोई कहता है जब " जय हिंद " तेरी याद आती है

कोई देखे जनम पत्री तो तेरी याद आती है , कोई व्रत रख ले सावित्री तो तेरी याद आती है
अचानक मुश्किलों में हाथ जोड़े आँख मूंदे जब , कोई गाता हो गायत्री तो तेरी याद आती है

सुझाये माँ जो मुहूर्त तो तेरी याद आती है , हँसे जब बुद्ध की मूरत तो तेरी याद आती है
कहीं डॉलर के पीछे छिप गए भारत के नोटों पर , दिखे गाँधी की जो सूरत तो तेरी याद आती है

अगर मौसम हो मनभावन तो तेरी याद आती है , झरे मेघों से गर सावन तो तेरी याद आती है
कहीं रहमान की जय हो को सुन कर गर्व के आंसू करें आँखों को जब पावन तो तेरी याद आती है
डा कुमार विश्वास


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